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क्या नमक युक्त टूथपेस्ट आपके दांतों के लिए फायदेमंद है? जानें इसके लाभ और हानि

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क्या नमक युक्त टूथपेस्ट फायदेमंद है?

क्या नमक युक्त टूथपेस्ट फायदेमंद है? (फोटो: सोशल मीडिया)

क्या नमक युक्त टूथपेस्ट: क्या आपने कभी सोचा है कि सुबह उठने के बाद आपका पहला काम क्या होता है? हर सुबह, नींद से जागते ही आप सबसे पहले ब्रश करते हैं, दांतों की सफाई करते हैं और फिर दिन की भागदौड़ में लग जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह जांचा है कि आपके दांत वास्तव में कितने साफ हैं या आप सिर्फ एक रूटीन पूरा कर रहे हैं? यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में केवल 2% लोग ही सही तरीके से ब्रश करते हैं, जिसका मतलब है कि 98% लोग अनजाने में अपने दांतों के लिए खतरा बन रहे हैं। यही कारण है कि दांतों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

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पहले यह समस्या केवल बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब यह युवा पीढ़ी में भी आम हो गई है। लगभग हर परिवार में कोई न कोई दांतों की समस्या से जूझ रहा है, जैसे दांतों में दर्द, मसूड़ों में सूजन आदि। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि असली समस्या कहां है?

क्या आपके टूथपेस्ट में नमक होना फायदेमंद है?

दुनिया भर में कितने लोग ब्रश करते हैं और सही समय क्या है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में ठोस सबूतों के साथ मिलेंगे।

क्या टूथपेस्ट में नमक होना फायदेमंद है?

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टूथपेस्ट में नमक का उपयोग दांतों की सफाई और मसूड़ों को मजबूत करने के लिए किया जाता है। हालांकि, कई डॉक्टरों का मानना है कि नमक दांतों की समस्याओं को बढ़ा सकता है। कुछ टूथपेस्ट में नमक दाग और प्लाक हटाने में मददगार होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह दांतों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

टूथपेस्ट में नमक के फायदे:

1. प्राकृतिक सफाई एजेंट: नमक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंह में बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं।

2. मसूड़ों को मजबूत करना: नमक मसूड़ों को मजबूती प्रदान करता है और ब्लीडिंग की समस्याओं में राहत देता है।

3. सफेद दांत: यह प्लाक हटाने में मदद करता है और दांतों की सफेदी बनाए रखता है।

टूथपेस्ट में नमक के नुकसान:

1. ओवर यूज से इनामेल डैमेज: अधिक नमक वाला टूथपेस्ट रोजाना इस्तेमाल करने से दांतों की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचा सकता है।

2. संवेदनशीलता: जिनके दांत संवेदनशील होते हैं, उन्हें नमक वाला टूथपेस्ट नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह दर्द या जलन पैदा कर सकता है।

3. खुरदरा प्रभाव: कई टूथपेस्ट में अधिक नमक होता है, जिससे घर्षण पैदा होता है, जो लंबे समय में नुकसान कर सकता है।

भारत में नमक युक्त टूथपेस्ट कौन-कौन से हैं?

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बाजार में कई टूथपेस्ट उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ में अधिक नमक होता है। रिपोर्टों के अनुसार, Colgate Active Salt में नमक और नींबू होते हैं। Dabur Red में नमक के साथ लौंग और पुदीना होते हैं। बाबा रामदेव का Patanjali Dant Kanti में सेंधा नमक और हर्ब्स होते हैं। Vicco Vajradanti में हर्बल नमक का उपयोग किया जाता है। Himalaya Complete Care में नमक का उपयोग नहीं किया जाता। भारत में लगभग 20% कॉमर्शियल टूथपेस्ट में किसी न किसी रूप में नमक मिलाया जाता है।

ब्रश के प्रकार: कौन सा ब्रश सबसे बेहतर है?

दांतों की सफाई के लिए केवल टूथपेस्ट ही नहीं, बल्कि ब्रश का चयन भी महत्वपूर्ण है। बाजार में कई सस्ते ब्रश मिलते हैं जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, दांतों की सफाई के लिए निम्नलिखित ब्रश का उपयोग करना चाहिए।

- सॉफ्ट ब्रिस्टल ब्रश: यह नरम प्लास्टिक के रेशे से बना होता है, जो संवेदनशील दांतों के लिए उपयुक्त है।

- मीडियम ब्रिस्टल ब्रश: यह सामान्य दांतों के लिए उपयोग में लाया जाता है।

- हार्ड ब्रिस्टल ब्रश: इनका उपयोग कम करने की सलाह दी जाती है।

- इलेक्ट्रिक टूथब्रश: यह मोटर आधारित होता है और बच्चों व बुजुर्गों के लिए मददगार है।

- इंटरडेंटल ब्रश: यह दांतों के बीच की सफाई के लिए उपयोग होता है।

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भारत में अधिकतर डॉक्टर सॉफ्ट ब्रिस्टल ब्रश का उपयोग करने की सलाह देते हैं। ये बच्चों और बुजुर्गों के लिए उपयुक्त होते हैं।

क्या प्लास्टिक ब्रश दांतों के लिए सुरक्षित हैं?

फायदा: अधिकांश टूथब्रश में नायलॉन ब्रिस्टल और पीपी हैंडल होते हैं, जो हल्के और टिकाऊ होते हैं।

नुकसान: लंबे समय तक इस्तेमाल से प्लास्टिक ब्रिस्टल मुड़ जाते हैं, जो मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।

प्लास्टिक ब्रिस्टल पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। कुछ लोग इको-फ्रेंडली ब्रश का उपयोग करते हैं, जो बांस से बने होते हैं। ये स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होते हैं।

ब्रश करने के फायदे

1. दांतों की सफाई: खाने के बाद दांतों पर भोजन के कण चिपक जाते हैं, जो बैक्टीरिया पैदा करते हैं।

2. मसूड़ों की सुरक्षा: ब्रश करने से मसूड़े भी साफ रहते हैं।

3. मुंह की दुर्गंध से छुटकारा: नियमित ब्रश करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

4. स्वास्थ्य पर प्रभाव: खराब दांत और मसूड़ों का संबंध हृदय रोग और मधुमेह से होता है।

विश्वभर में ब्रश करने वालों की संख्या

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विकसित देशों में लगभग 70 से 80% लोग दिन में दो बार ब्रश करते हैं। वहीं, विकासशील देशों में यह आंकड़ा 40 से 60% है। विश्व स्तर पर, औसतन 63% लोग नियमित रूप से ब्रश करते हैं। इसका मतलब है कि लगभग 37% लोग या तो कभी-कभार ब्रश करते हैं या बिल्कुल नहीं करते।

भारत में कितने प्रतिशत लोग ब्रश करते हैं?

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भारत में, जहां शहरी और ग्रामीण जीवनशैली में बड़ा अंतर है, दांतों की सफाई की आदतों में भी भिन्नता है। 2019 के राष्ट्रीय दंत चिकित्सा सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 52% भारतीय नियमित रूप से दिन में दो बार ब्रश करते हैं। लगभग 25% लोग केवल सुबह ब्रश करते हैं, और 15% से अधिक लोग सप्ताह में कुछ दिन ही ब्रश करते हैं।

ब्रश करने का सही समय:

1. सुबह उठते ही: रातभर मुंह में बैक्टीरिया पनपते हैं, इसलिए सुबह उठते ही ब्रश करना आवश्यक है।

2. रात को सोने से पहले: रात में सोने से पहले ब्रश करना जरूरी है।

3. खाने के तुरंत बाद ब्रश न करें: खाना खाने के तुरंत बाद ब्रश करना सही नहीं है।

सही तरीके से ब्रश करना भी जरूरी है:

- 2-3 मिनट तक ब्रश करें।

- मुलायम ब्रश का उपयोग करें।

- हर 3 महीने में ब्रश बदलें।

- जीभ की सफाई भी करें।

भारत में ब्रश करने की आदत न होने के कारण कुछ समस्याएं आम हैं:

50% से ज्यादा भारतीयों को मसूड़ों की सूजन या ब्लीडिंग की समस्या होती है।

40% लोगों को मुंह से बदबू की समस्या बनी रहती है।

35% से ज्यादा बच्चों के दांतों में कीड़ा लगने का मामला सामने आया है।

दांतों की सफाई के उपाय

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दांतों की सफाई का ध्यान नियमित रूप से रखना चाहिए। इसके लिए आप नीम या बबूल की दातून कर सकते हैं। जिन लोगों को दांतों में कीड़े लगने या सड़ने की समस्या है, उन्हें सरसों का तेल और नमक अपने दांतों में लगाकर सोना चाहिए।

ब्रश करना क्यों नहीं भूलना चाहिए?

ब्रश करना केवल एक आदत नहीं, बल्कि यह सेहत और आत्मविश्वास का आधार है। भारत में जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है।

मुख्य बातें:

- टूथपेस्ट में नमक सीमित मात्रा में होना चाहिए।

- सॉफ्ट ब्रिस्टल ब्रश और इको-फ्रेंडली ऑप्शन जैसे बांस के दातुन दांतों और पर्यावरण दोनों के लिए सहायक हैं।

- प्लास्टिक ब्रश हर 3 महीने में बदलना चाहिए।

- दिन में दो बार ब्रश करना जरूरी है।

- दांतों की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए फ्लॉस और माउथवॉश का भी उपयोग करें।

स्वच्छता के प्रति जागरूकता की जरूरत

WHO के अनुसार, दुनिया के करीब 350 करोड़ लोग दांत की समस्या से ग्रस्त हैं। इसलिए जरूरी है कि हम समय रहते ब्रश को प्राथमिकता दें और दूसरों को भी प्रेरित करें।


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